इस संस्कृत वाक्य में, शुक (पथित), काक (कौआ), बक (बगुला), पिक (पपीहा), विथल (विठोबा, एक रूप श्रीकृष्ण), हस (हंस), मोता कृष्ण (मोटा कृष्ण, एक रूप श्रीकृष्ण), श्वेत (श्वेत, सफेद), हरित (हरित, हरा, हरा रंग), हरा (हरा, हरा रंग) इन सभी के नाम दिए गए हैं। "हस्ताक्षर" का अर्थ होता है हस्तक्षेप या हस्ताक्षर। तुम्हारा प्रश्न थोड़ा अजगरहित है, क्योंकि वाक्य में हस्ताक्षर का जिक्र नहीं किया गया है। यदि तुम्हें किसी विशेष भाग में समस्या है, तो कृपया बताएं, मैं आपकी सहायता करने के लिए यहाँ हूँ।
अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृच्ते॥ श्रीकृष्ण कहते हैं, हे महाबाहो, निस्संदेह मन चंचल और कठिनता से वश में होने वाला है। परंतु हे कुंतीपुत्र अर्जुन, यह अभ्यास और वैराग्य से वश में होता है।
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इस संस्कृत वाक्य में, शुक (पथित), काक (कौआ), बक (बगुला), पिक (पपीहा), विथल (विठोबा, एक रूप श्रीकृष्ण), हस (हंस), मोता कृष्ण (मोटा कृष्ण, एक रूप श्रीकृष्ण), श्वेत (श्वेत, सफेद), हरित (हरित, हरा, हरा रंग), हरा (हरा, हरा रंग) इन सभी के नाम दिए गए हैं। "हस्ताक्षर" का अर्थ होता है हस्तक्षेप या हस्ताक्षर। तुम्हारा प्रश्न थोड़ा अजगरहित है, क्योंकि वाक्य में हस्ताक्षर का जिक्र नहीं किया गया है। यदि तुम्हें किसी विशेष भाग में समस्या है, तो कृपया बताएं, मैं आपकी सहायता करने के लिए यहाँ हूँ।
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अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृच्ते॥ श्रीकृष्ण कहते हैं, हे महाबाहो, निस्संदेह मन चंचल और कठिनता से वश में होने वाला है। परंतु हे कुंतीपुत्र अर्जुन, यह अभ्यास और वैराग्य से वश में होता है।
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