Answer:
पिता और पुत्र के बीच प्रदूषण के खतरे के बारे में संवाद
पुत्र : पिताजी ( पिता के पांव छूते हुए) आपने आपने
आज का अखबार पढ़ा ।
पिता : हां पढ़ा रोज की तरह आज भी प्रदूषण पर लिखा है ।
पुत्र : फिर भी लोग इस पर ध्यान नहीं देते ।
पिता : यह बात तो है हमारा समाज शिक्षित है फिर भी प्रदूषण पर हम लोग इतने लापरवाह हैं ।
पुत्र : हां पिताजी सभी लोग आजकल इग्नोर करना
बहुत सीख गए हैं। किसी का ध्यान अपने पर्यावरण पर नहीं जाता ।
पिता : हां जब पर्यावरण ही नहीं बचेगा तब हम सब कहां से बचेंगे ।
पुत्र : अखबार वाले भी आजकल सुस्त होते जा रहे हैं
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पिता और पुत्र के बीच प्रदूषण के खतरे के बारे में संवाद
पुत्र : पिताजी ( पिता के पांव छूते हुए) आपने आपने
आज का अखबार पढ़ा ।
पिता : हां पढ़ा रोज की तरह आज भी प्रदूषण पर लिखा है ।
पुत्र : फिर भी लोग इस पर ध्यान नहीं देते ।
पिता : यह बात तो है हमारा समाज शिक्षित है फिर भी प्रदूषण पर हम लोग इतने लापरवाह हैं ।
पुत्र : हां पिताजी सभी लोग आजकल इग्नोर करना
बहुत सीख गए हैं। किसी का ध्यान अपने पर्यावरण पर नहीं जाता ।
पिता : हां जब पर्यावरण ही नहीं बचेगा तब हम सब कहां से बचेंगे ।
पुत्र : अखबार वाले भी आजकल सुस्त होते जा रहे हैं