प्रकृति की लीला न्यारी,कहीं बरसता पानी, बहती नदियां,
प्रकृति की लीला न्यारी,कहीं बरसता पानी, बहती नदियां,कहीं उफनता समंद्र है,
प्रकृति की लीला न्यारी,कहीं बरसता पानी, बहती नदियां,कहीं उफनता समंद्र है,तो कहीं शांत सरोवर है।
प्रकृति की लीला न्यारी,कहीं बरसता पानी, बहती नदियां,कहीं उफनता समंद्र है,तो कहीं शांत सरोवर है।प्रकृति का रूप अनोखा कभी,
प्रकृति की लीला न्यारी,कहीं बरसता पानी, बहती नदियां,कहीं उफनता समंद्र है,तो कहीं शांत सरोवर है।प्रकृति का रूप अनोखा कभी,कभी चलती साए-साए हवा,
प्रकृति की लीला न्यारी,कहीं बरसता पानी, बहती नदियां,कहीं उफनता समंद्र है,तो कहीं शांत सरोवर है।प्रकृति का रूप अनोखा कभी,कभी चलती साए-साए हवा,तो कभी मौन हो जाती,
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प्रकृति की लीला न्यारी,
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प्रकृति पर सुंदर कविता
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