समाजिक अंतर का अर्थ है किसी समूह में कुछ आधारों पर अंतर जैसे कि प्रजाति, धर्म ,जाति, रंग, भाषा इत्यादि। जब कुछ सामाजिक अंतर कुछ और समाजिक अंतरों के सैट से हाथ मिला लेते हैं तो सामाजिक विभाजन बन जाते हैं। इसका अर्थ यह है कि जब कुछ समाजिक अंतर एक दूसरे से मिल जाते हैं तो यह सामाजिक विभाजन बन जाते हैं।
जब सामाजिकर अन्य दूसरे अंतरों व विभिन्नताओं से भी विशाल हो जाते है तब वे विभाजन का रूप ले लेते है। इसके अतिरिक्त कई बार सामाजिक असमानताएँ अन्याय या विद्रोह का रूप ले लेती है। जैसे जाति-प्रथा, अमीर-गरीब, रंगभेद आदि इस प्रकार पीड़ित समूह एक हो जाते है और विद्रोह करते है जो बँटवारे का रूप ले लेते है।
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समाजिक अंतर का अर्थ है किसी समूह में कुछ आधारों पर अंतर जैसे कि प्रजाति, धर्म ,जाति, रंग, भाषा इत्यादि। जब कुछ सामाजिक अंतर कुछ और समाजिक अंतरों के सैट से हाथ मिला लेते हैं तो सामाजिक विभाजन बन जाते हैं। इसका अर्थ यह है कि जब कुछ समाजिक अंतर एक दूसरे से मिल जाते हैं तो यह सामाजिक विभाजन बन जाते हैं।
जब सामाजिकर अन्य दूसरे अंतरों व विभिन्नताओं से भी विशाल हो जाते है तब वे विभाजन का रूप ले लेते है। इसके अतिरिक्त कई बार सामाजिक असमानताएँ अन्याय या विद्रोह का रूप ले लेती है। जैसे जाति-प्रथा, अमीर-गरीब, रंगभेद आदि इस प्रकार पीड़ित समूह एक हो जाते है और विद्रोह करते है जो बँटवारे का रूप ले लेते है।
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