ग्रामीण नगर उपांत में दो तत्त्वों का संग्रह है, जिसमें से एक ग्रामीण उपांत तथा दूसरा नगरीय उपांत है। अतः ग्रामीण नगर उपांत अतिक्रमण का प्रतीक है, यह नगर के चारों ओर एक ऐसी मेखला का प्रतिनिधित्व करता है जो न तो पूर्णतया ग्रामीण है और न ही पूर्णतया नगरीय। इस मेखला में ग्रामीण एवं नगरीय दोनों प्रकार का वातावरण मिलता है।
ग्रामीण नगर उपांत में दो तत्त्वों का संग्रह है, जिसमें से एक ग्रामीण उपांत तथा दूसरा नगरीय उपांत है। अतः ग्रामीण नगर उपांत अतिक्रमण का प्रतीक है, यह नगर के चारों ओर एक ऐसी मेखला का प्रतिनिधित्व करता है जो न तो पूर्णतया ग्रामीण है और न ही पूर्णतया नगरीय। इस मेखला में ग्रामीण एवं नगरीय दोनों प्रकार का वातावरण मिलता है।
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ग्रामीण नगर उपांत में दो तत्त्वों का संग्रह है, जिसमें से एक ग्रामीण उपांत तथा दूसरा नगरीय उपांत है। अतः ग्रामीण नगर उपांत अतिक्रमण का प्रतीक है, यह नगर के चारों ओर एक ऐसी मेखला का प्रतिनिधित्व करता है जो न तो पूर्णतया ग्रामीण है और न ही पूर्णतया नगरीय। इस मेखला में ग्रामीण एवं नगरीय दोनों प्रकार का वातावरण मिलता है।
Answer:
ग्रामीण नगर उपांत में दो तत्त्वों का संग्रह है, जिसमें से एक ग्रामीण उपांत तथा दूसरा नगरीय उपांत है। अतः ग्रामीण नगर उपांत अतिक्रमण का प्रतीक है, यह नगर के चारों ओर एक ऐसी मेखला का प्रतिनिधित्व करता है जो न तो पूर्णतया ग्रामीण है और न ही पूर्णतया नगरीय। इस मेखला में ग्रामीण एवं नगरीय दोनों प्रकार का वातावरण मिलता है।