४.पंडित जवाहर लाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रधानमंत्री थे। बच्चों से उन्हें बेहद लगाव था। बच्चे उन्हें चाचा नेहरू' कहकर पुकारते थे। उनकी पुत्री इंदिरा जब १० वर्ष की थी, तब नेहरू जी ने उन्हें अनेक पत्र लिखे। उन पत्रों में यह बताया गया है कि पृथ्वी की शुरुआत कैसे हुई और मनुष्य ने स्वयं को कैसे धीरे-धीरे समझा और पहचाना। ये पत्र बच्चों को अपने आस-पास की दुनिया के बारे में सोचने-समझने और जान ने के लिए उत्साहित करते हैं। नेहरूजी को अपने देश के बारे में बोलने व बताने में विशेष आनंद आता था।उनकी सभी चिट्ठियाँ 'पिता के पुत्र पुत्री के नाम' नामक पुस्तक में संकलित हैं। विशेष बात यह है किये पत्र नेहरूजी ने अंग्रेज़ी में लिखे थे और इसका हिंदी में अनुवाद हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद ने किया था। उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:- क.गद्यांश के लिए उचित शीर्षक लिखो। ख. बच्चे नेहरूजी को क्या कहकर पुकारते थे? ग. पंडित नेहरू कौन थे? घ.पंडित नेहरू को किसके बारे में बताने में विशेष आनंद आता था ? ड. धीरे-धीरे' किस प्रकार का शब्द है?​

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