Answer:नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया में भी भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है. परमाणुओं के नाभिक पॉजिटिवली चार्ज होते हैं और इसलिए वे एक दूसरे को पीछे हटाते हैं या फिर रिपेल (Repel) करते हैं. तो इन दो नाभिकों को संयोजित करने या फ्यूज करने के लिए एक भारी नाभिक बनाने के लिए बहुत अधिक ऊष्मा ऊर्जा और उच्च दबाव की आवश्यकता होती है.
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jesrylfernandes12
परमाणु ऊर्जा दो प्रकाश तत्वों (कम परमाणु संख्या वाले तत्व) के संलयन से भी जारी की जा सकती है। वह शक्ति जो सूर्य और तारों को ईंधन देती है वह परमाणु संलयन है। हाइड्रोजन बम में, हाइड्रोजन के दो समस्थानिक, ड्यूटेरियम और ट्रिटियम आपस में जुड़कर हीलियम और एक न्यूट्रॉन का नाभिक बनाते हैं।
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Answer:नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया में भी भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है. परमाणुओं के नाभिक पॉजिटिवली चार्ज होते हैं और इसलिए वे एक दूसरे को पीछे हटाते हैं या फिर रिपेल (Repel) करते हैं. तो इन दो नाभिकों को संयोजित करने या फ्यूज करने के लिए एक भारी नाभिक बनाने के लिए बहुत अधिक ऊष्मा ऊर्जा और उच्च दबाव की आवश्यकता होती है.
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