मैं यहां कुशल मंगल से हूं और तुम्हारी कुशलता की कामना चाहता हूं। तुम्हारा पत्र मिला और उससे यह जानकारी हुई कि तुम मेरे अवकाश के कार्यक्रम के बारे में जानना चाहते हो। अभी तो मैं पढ़ाई में व्यस्त था इसलिए कुछ सोच नहीं पाया। लेकिन अब मेरा कार्यक्रम तय हो गया है। इस बार मैं छुट्टियों में अपने गांव दादाजी के पास जाना चाहता हूं।
शहर की भीड़भाड़ से दूर कुछ दिन मैं गांव की अमराईयो और नदी के किनारे बिताना चाहता हूं। मेरे चचेरे भाई-बहन मुझसे मिलने के लिए आतुर है इसलिए मैं चाह रहा था कि तुम भी आ जाओ और हम सब इस बार की छुट्टियां गांव में एक साथ मिलकर बिताएंगे। मुझे पता है कि अब तक तुमने किसी गांव को नजदीक से नहीं देखा होगा क्योंकि तुम्हारी कई पीढ़ियां शहरों में ही रहती आई है।
तुम्हें गांव की संस्कृति और रहन-सहन देखने की जिज्ञासा अवश्य होगी।
अपने पिताजी से अनुमति लेकर मुझे अवश्य बताना। मुझे अच्छी तरह पता है कि तुम्हें मेरे साथ आने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
Answers & Comments
Answer:
check below
Explanation:
गोल प्याऊ ,
चित्तौङगङ ( राजस्थान )
दिनांक: 5-03-2021
प्रिय सखी वैनवी ,
सप्रेम नमस्कार
मैं यहां कुशल मंगल से हूं और तुम्हारी कुशलता की कामना चाहता हूं। तुम्हारा पत्र मिला और उससे यह जानकारी हुई कि तुम मेरे अवकाश के कार्यक्रम के बारे में जानना चाहते हो। अभी तो मैं पढ़ाई में व्यस्त था इसलिए कुछ सोच नहीं पाया। लेकिन अब मेरा कार्यक्रम तय हो गया है। इस बार मैं छुट्टियों में अपने गांव दादाजी के पास जाना चाहता हूं।
शहर की भीड़भाड़ से दूर कुछ दिन मैं गांव की अमराईयो और नदी के किनारे बिताना चाहता हूं। मेरे चचेरे भाई-बहन मुझसे मिलने के लिए आतुर है इसलिए मैं चाह रहा था कि तुम भी आ जाओ और हम सब इस बार की छुट्टियां गांव में एक साथ मिलकर बिताएंगे। मुझे पता है कि अब तक तुमने किसी गांव को नजदीक से नहीं देखा होगा क्योंकि तुम्हारी कई पीढ़ियां शहरों में ही रहती आई है।
तुम्हें गांव की संस्कृति और रहन-सहन देखने की जिज्ञासा अवश्य होगी।
अपने पिताजी से अनुमति लेकर मुझे अवश्य बताना। मुझे अच्छी तरह पता है कि तुम्हें मेरे साथ आने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
तुम्हारी सहमति की प्रतीक्षा में
तुम्हारी अभिन्न मित्र
प्रेक्षा गोखरू
thanks
hope u liked it
plz Mark it as a brainlist answer .