कवि के अनुसार मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ सबसे अधिक खतरनाक नहीं है। इनको करते समय मनुष्य में प्रतिरोध की क्षमता विद्यमान रहती है। यदि मनुष्य प्रयास करे, तो इन सभी बुरी बातों को सुधार सकता है। अतः जहाँ बदलाव संभव है, उसे सबसे खतरनाक नहीं समझा जा सकता है। उसके अनुसार इससे भी अधिक खतरनाक बातें यहाँ विद्यमान है।
सबसे खतरनाक' शब्दों को बार-बार दोहराए जाने से कविता तथा इसके कथ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इस तरह वह 'खतरनाक' तथा 'सबसे खतरनाक' के मध्य उत्पन्न अंतर को समझ पाते हैं। इस तरह कविता अधिक प्रभावशाली बन जाती है।
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कवि के अनुसार मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ सबसे अधिक खतरनाक नहीं है। इनको करते समय मनुष्य में प्रतिरोध की क्षमता विद्यमान रहती है। यदि मनुष्य प्रयास करे, तो इन सभी बुरी बातों को सुधार सकता है। अतः जहाँ बदलाव संभव है, उसे सबसे खतरनाक नहीं समझा जा सकता है। उसके अनुसार इससे भी अधिक खतरनाक बातें यहाँ विद्यमान है।
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सबसे खतरनाक' शब्दों को बार-बार दोहराए जाने से कविता तथा इसके कथ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इस तरह वह 'खतरनाक' तथा 'सबसे खतरनाक' के मध्य उत्पन्न अंतर को समझ पाते हैं। इस तरह कविता अधिक प्रभावशाली बन जाती है।