रंगा सियार की कहानी पंचतंत्र की कहानी है. यह कहानी बताती है कि मूर्खता से लोग खुद को चोट पहुंचाते हैं.
इस कहानी में, एक सियार एक रंगरेज के पीपे में गिर जाता है और नीले रंग में रंग जाता है.
सियार घबराकर जल्दी से बाहर आ जाता है. जब सियार घर से बाहर निकलता है, तो कुत्ते भाग खड़े होते हैं. सियार नदी पर पानी पीने जाता है और अपनी परछाई देखकर चौंक जाता है. उसे समझ में आ जाता है कि कुत्ते उसे देखकर क्यों डर रहे थे.
सियार वापस अपने जंगल में पहुंच जाता है. जब दूसरे जानवर उसे देखते हैं, तो नीले रंग के कारण उसे पहचान नहीं पाते. सियार एक ऊंचे पत्थर पर चढ़कर बोलता है, 'वन्य प्राणियों, प्रजापति ब्रह्मा ने मुझे खुद अपने हाथों से इस अलौकिक रंग का प्राणी बनाकर कहा कि संसार में जानवरों का कोई शासक नहीं है'.
सियार ने जंगल में हर जानवर को बेवकूफ़ बनाया और बाद में एक सबक सीखा कि उसकी असली पहचान छिपाई नहीं जा सकती.
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रंगा सियार की कहानी पंचतंत्र की कहानी है. यह कहानी बताती है कि मूर्खता से लोग खुद को चोट पहुंचाते हैं.
इस कहानी में, एक सियार एक रंगरेज के पीपे में गिर जाता है और नीले रंग में रंग जाता है.
सियार घबराकर जल्दी से बाहर आ जाता है. जब सियार घर से बाहर निकलता है, तो कुत्ते भाग खड़े होते हैं. सियार नदी पर पानी पीने जाता है और अपनी परछाई देखकर चौंक जाता है. उसे समझ में आ जाता है कि कुत्ते उसे देखकर क्यों डर रहे थे.
सियार वापस अपने जंगल में पहुंच जाता है. जब दूसरे जानवर उसे देखते हैं, तो नीले रंग के कारण उसे पहचान नहीं पाते. सियार एक ऊंचे पत्थर पर चढ़कर बोलता है, 'वन्य प्राणियों, प्रजापति ब्रह्मा ने मुझे खुद अपने हाथों से इस अलौकिक रंग का प्राणी बनाकर कहा कि संसार में जानवरों का कोई शासक नहीं है'.
सियार ने जंगल में हर जानवर को बेवकूफ़ बनाया और बाद में एक सबक सीखा कि उसकी असली पहचान छिपाई नहीं जा सकती.
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pagal
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