जब चौदह साल के बच्चे चंद्रशेखर आजाद को अंग्रेज जज ने बेंत लगाने की सजा सुनाई तो हर बेंत पर चंद्रशेखर आजाद की जुबान से दो ही नारे गूंज रहे थे। भारत माता की जय और महात्मा गांधी की जय। गुलाम भारत में नारे लगे लेकिन आजाद भारत में 100 साल बाद उस पर सवाल दागे जा रहे हैं वो भी राजनीति की चाशनी में डूबे हुए सवाल। तो उस पर चर्चा करना लाजमी है। आखिर कौन है भारत माता, कहां से आया 'भारत माता की जय' का नारा और इतिहास में गौरव का प्रतीक माना जाने वाला यह नारा आज के दौर में सियासी खींचतान और मान-अभिमान का विषय बन गया है।
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जब चौदह साल के बच्चे चंद्रशेखर आजाद को अंग्रेज जज ने बेंत लगाने की सजा सुनाई तो हर बेंत पर चंद्रशेखर आजाद की जुबान से दो ही नारे गूंज रहे थे। भारत माता की जय और महात्मा गांधी की जय। गुलाम भारत में नारे लगे लेकिन आजाद भारत में 100 साल बाद उस पर सवाल दागे जा रहे हैं वो भी राजनीति की चाशनी में डूबे हुए सवाल। तो उस पर चर्चा करना लाजमी है। आखिर कौन है भारत माता, कहां से आया 'भारत माता की जय' का नारा और इतिहास में गौरव का प्रतीक माना जाने वाला यह नारा आज के दौर में सियासी खींचतान और मान-अभिमान का विषय बन गया है।