इनका धर्म से कोई संबंध नहीं होता। विश्वास और अंधविश्वास समान नहीं है। जब विश्वास तर्क और अनुभव पर हावी होने लगता है, तब विश्वास अंधविश्वास बन जाता है। ईश्वर है और मैं अनंत चैतन्य ईश्वर का ही अंश हूं, समस्त सृष्टि का जन्मदाता वही है- यह आस्था है, विश्वास है।
इनका धर्म से कोई संबंध नहीं होता। विश्वास और अंधविश्वास समान नहीं है। जब विश्वास तर्क और अनुभव पर हावी होने लगता है, तब विश्वास अंधविश्वास बन जाता है। ईश्वर है और मैं अनंत चैतन्य ईश्वर का ही अंश हूं, समस्त सृष्टि का जन्मदाता वही है- यह आस्था है, विश्वास है।
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इनका धर्म से कोई संबंध नहीं होता। विश्वास और अंधविश्वास समान नहीं है। जब विश्वास तर्क और अनुभव पर हावी होने लगता है, तब विश्वास अंधविश्वास बन जाता है। ईश्वर है और मैं अनंत चैतन्य ईश्वर का ही अंश हूं, समस्त सृष्टि का जन्मदाता वही है- यह आस्था है, विश्वास है।
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इनका धर्म से कोई संबंध नहीं होता। विश्वास और अंधविश्वास समान नहीं है। जब विश्वास तर्क और अनुभव पर हावी होने लगता है, तब विश्वास अंधविश्वास बन जाता है। ईश्वर है और मैं अनंत चैतन्य ईश्वर का ही अंश हूं, समस्त सृष्टि का जन्मदाता वही है- यह आस्था है, विश्वास है।
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