21 सितंबर 1895 में जन्मे अन्नपूर्णानंद वर्मा हास्य लेखकों में अग्रणी हैं. उनके हास्य सिर्फ हास्य नहीं, बल्कि कोई न कोई सामाजिक मुद्दा उठाते हुए गढ़े गए हैं. उनकी कहानियां हल्के-फुल्के लहज़े में बड़ी बात कहने का हुनर जानती हैं. वर्मा जी 22 साल की उम्र से ही साहित्य की दुनिया से जुड़ गए थे
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21 सितंबर 1895 में जन्मे अन्नपूर्णानंद वर्मा हास्य लेखकों में अग्रणी हैं. उनके हास्य सिर्फ हास्य नहीं, बल्कि कोई न कोई सामाजिक मुद्दा उठाते हुए गढ़े गए हैं. उनकी कहानियां हल्के-फुल्के लहज़े में बड़ी बात कहने का हुनर जानती हैं. वर्मा जी 22 साल की उम्र से ही साहित्य की दुनिया से जुड़ गए थे