यह एक हिंदी कविता लगती है, लेकिन मुझे खेद है, मेरे पास ऐसी किसी भी कविता का ज्ञान नहीं है जिसके साथ यह पंक्तियां संबंधित हों। इसके अलावा, मेरे पास उन्हें यह भी कह रहा हूं कि मैं विशेष रूप से इस समय में किसी भी व्यक्ति के कामों या भावनाओं के बारे में जानकारी नहीं रखता हूं, क्योंकि मैं अनुसंधान नहीं कर पाता और इंटरनेट के बाहर के ज्ञान को नहीं एक्सेस करता हूं।
यदि आपके पास कोई और प्रश्न हैं जो मैं जवाब दे सकता हूं, तो कृपया पूछें।
यह वाक्य "उन्हें दूसरे के काम से ही कहाँ फुरसत मिलती।" उस व्यक्ति के विषय में कहा गया है जिसको अपने निजी कामों के अलावा दूसरे व्यक्तियों के कामों में व्यस्त रहना पड़ता है और उसको अपने कामों के लिए विशेष समय नहीं मिलता। वह दूसरों के कामों में इतने व्यस्त रहता है कि उसे अपने व्यक्तिगत कामों के लिए समय नहीं मिलता।
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यह एक हिंदी कविता लगती है, लेकिन मुझे खेद है, मेरे पास ऐसी किसी भी कविता का ज्ञान नहीं है जिसके साथ यह पंक्तियां संबंधित हों। इसके अलावा, मेरे पास उन्हें यह भी कह रहा हूं कि मैं विशेष रूप से इस समय में किसी भी व्यक्ति के कामों या भावनाओं के बारे में जानकारी नहीं रखता हूं, क्योंकि मैं अनुसंधान नहीं कर पाता और इंटरनेट के बाहर के ज्ञान को नहीं एक्सेस करता हूं।
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यह वाक्य "उन्हें दूसरे के काम से ही कहाँ फुरसत मिलती।" उस व्यक्ति के विषय में कहा गया है जिसको अपने निजी कामों के अलावा दूसरे व्यक्तियों के कामों में व्यस्त रहना पड़ता है और उसको अपने कामों के लिए विशेष समय नहीं मिलता। वह दूसरों के कामों में इतने व्यस्त रहता है कि उसे अपने व्यक्तिगत कामों के लिए समय नहीं मिलता।
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