राम: मैं दीपावली मनाने अपने घर जा रहा हूं ।जाकिर: अच्छा दीपावली कैसे बनाते हैं?
राम: दीपावली की तैयारियां वैसे तो कई दिनों पहले से शुरू हो जाती है लेकिन मुख्य दिवस पर हम घर को सजाते हैं और घर आंगन में रंगोली बनाते हैं ।
जाकिर: अच्छा और क्या होता है इस दिन ?
राम: इस दिन बच्चे और घर के सभी सदस्य नए कपड़े पहनते हैं और लक्ष्मी गणेश जी का पूजन करते हैं। लक्ष्मी गणेश जी की पूजा के लिए खिल और खिलौने उसके साथ चावल और दाल के लड्डू और अनेक प्रकार की मिठाइयां मंगाई जाती है ।
जाकिर: अच्छा तब तो खूब मजा आता होगा ?
राम: हां ! फिर हम पूजा करने के बाद बम पटाखे जलाते हैं और घर को दिए से सजाते हैं।
जाकिर: अरे वाह! यह तो बहुत अच्छा त्यौहार है ।
राम: तो चलो तुम भी मेरे साथ यह त्यौहार मनाने मेरे घर ।
जाकिर: हां मैं चलता लेकिन अभी मुझे कुछ काम है तो मैं अगले साल पक्का तुम्हारे साथ चलूंगा ।
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⇒ Question:
⇒ संवाद लेखन लिखिए त्योहारों में दीवाली का महत्व इस विषय पर मित्रों में संवाद
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→ Answer:
जाकिर: अरे भाई राम तुम अपना सामान लेकर कहां चले ?
राम: मैं दीपावली मनाने अपने घर जा रहा हूं ।जाकिर: अच्छा दीपावली कैसे बनाते हैं?
राम: दीपावली की तैयारियां वैसे तो कई दिनों पहले से शुरू हो जाती है लेकिन मुख्य दिवस पर हम घर को सजाते हैं और घर आंगन में रंगोली बनाते हैं ।
जाकिर: अच्छा और क्या होता है इस दिन ?
राम: इस दिन बच्चे और घर के सभी सदस्य नए कपड़े पहनते हैं और लक्ष्मी गणेश जी का पूजन करते हैं। लक्ष्मी गणेश जी की पूजा के लिए खिल और खिलौने उसके साथ चावल और दाल के लड्डू और अनेक प्रकार की मिठाइयां मंगाई जाती है ।
जाकिर: अच्छा तब तो खूब मजा आता होगा ?
राम: हां ! फिर हम पूजा करने के बाद बम पटाखे जलाते हैं और घर को दिए से सजाते हैं।
जाकिर: अरे वाह! यह तो बहुत अच्छा त्यौहार है ।
राम: तो चलो तुम भी मेरे साथ यह त्यौहार मनाने मेरे घर ।
जाकिर: हां मैं चलता लेकिन अभी मुझे कुछ काम है तो मैं अगले साल पक्का तुम्हारे साथ चलूंगा ।
राम: ठीक है फिर मिलते हैं ।
जाकिर: हां बिल्कुल।