प्रस्तावना- मानव को अपनी सुरक्षा के लिए चाहिए कि वह प्रकृति में पेड़ पौधे, कई पशु पक्षी एवं प्रकृति का वातावरण प्रकृति की नदियां यह सभी हैं जो हमारे लिए, प्रत्येक जीव जंतुओ के लिए सभी के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
हमें प्रकृति में पाए जाने बाली प्रत्येक चीज का ध्यान रखना चाहिए उन्हें किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए क्योंकि मानव की सुरक्षा तभी हो सकती है जब प्रकृति की रक्षा हम करेंगे।
प्रकृति की रक्षा महत्वपूर्ण क्यों है- प्रकृति की रक्षा मानव की सुरक्षा के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। आज के समय में हम देखते हैं कि मनुष्य ने अपने निजी फायदे के लिए प्रकृति को काफी नुकसान पहुंचाया है।
प्रकृति में पाई जाने वाली हवा जो हमारे लिए प्राण दायिनी होती है मानव ने उसको प्रदूषित किया है। मानव ने जल प्रदूषित किया है, पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटाई की है जिस वजह से कई सारे जीव जंतु, पशु पक्षी विलुप्त होने की कगार पर हैं या लुप्त हो चुके हैं।
हम सभी को सोचना चाहिए कि प्रकृति रक्षा बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है इसके बिना हमारे जीवन का अस्तित्व ही संभव नहीं है। मानव की सुरक्षा के लिए हमें यह कदम उठाने चाहिए।
दुनिया के कई प्रसिद्ध वैज्ञानिकों ने यह तक कह दिया है कि प्रदूषण की वजह से आने वाले समय में मानव का पृथ्वी पर रहना मुमकिन नहीं होगा।
मानव को अपने निवास के लिए किसी अन्य ग्रह पर जाना पड़ेगा इसलिए हमें प्रकृति की रक्षा करना चाहिए यह हमारे लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
उपसंहार- हमें चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा अपनी रक्षा समझकर करें क्योंकि अपनी खुद की रक्षा तभी हो सकती है जब हम प्रकृति की रक्षा करेंगे। हमें प्रकृति में पाए जाने वाले पेड़ पौधे, जलवायु, प्रत्येक जीव जंतु आदि की रक्षा करनी चाहिए उनको नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
अगर आपको हमारा दिया गया जवाब पसंद आया तो कृपा करके हमें लाइक कीजिए फॉलो कीजिए और कमेंट कीजिए कि आपको हमारा आंसर कैसा लगा अगर आपको अच्छा लगा तो हमें सपोर्ट कीजिए ताकि हम अन्य छात्र-छात्राओं को भी ऐसे ही सवाल का जवाब दिए और हमारा जो ज्ञान है उस सब को बांट सके धन्यवाद आपकी बड़ी मेहरबानी होगी अगर आप हमें ब्रेनलिएस्ट मार्क करेंge
धरती पर जीवन जीने के लिये भगवान से हमें बहुमूल्य और कीमती उपहार के रुप में प्रकृति मिली है। दैनिक जीवन के लिये उपलब्ध सभी संसाधनों के द्वारा प्रकृति हमारे जीवन को आसान बना देती है। एक माँ की तरह हमारा लालन-पालन, मदद, और ध्यान देने के लिये हमें अपने प्रकृति का धन्यवाद करना चाहिये।
अगर हम सुबह के समय शांति से बगीचे में बैठे तो हम प्रकृति की मीठी आवाज और खूबसूरती का आनन्द ले सकते है। हमारी कुदरत ढ़ेर सारी प्राकृतिक सुंदरता से सुशोभित है जिसका हम किसी भी समय रस ले सकते है। पृथ्वी के पास भौगोलिक सुंदरता है और इसे स्वर्ग या शहरों का बगीचा भी कहा जाता है। लेकिन ये दुख की बात है कि भगवान के द्वारा इंसानों को दिये गये इस सुंदर उपहार में बढ़ती तकनीकी उन्नति और मानव जाति के अज्ञानता की वजह से लगातार ह्रास हो रहा है| प्रकृति हमारी वास्तविक माँ की तरह की होती है जो हमें कभी नुकसान नहीं पहुँचाती बल्कि हमारा पालन-पोषण करती है। सुबह जल्दी प्रकृति के गोद में ठहलने से हम स्वस्थ और मजबूत बनते है साथ ही ये हमें कई सारी घातक बीमारीयों जैसे डायबिटिज, स्थायी हृदय घात, उच्च रक्त चाप, लीवर संबंधी परेशानी, पाचन संबंधी समस्या, संक्रमण, दिमागी समस्याओं आदि से भी दूर रखता है| ये हमारे स्वास्थ्य के लिये अच्छा है कि हम चिड़ियों की मधुर आवाज, मंद हवा की खनखनाहट, ताजी हवा की सनसाहट, बहती नदी की आवाज आदि सुबह - सुबह सुनें। ज्यादातर कवि, लेखक और लोगों को अपने दिमाग, शरीर, और आत्मा को दुबारा से ऊर्जायुक्त बनाने के लिये उद्यानों में योगा और ध्यान करते देखा जा सकता है।
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प्रस्तावना- मानव को अपनी सुरक्षा के लिए चाहिए कि वह प्रकृति में पेड़ पौधे, कई पशु पक्षी एवं प्रकृति का वातावरण प्रकृति की नदियां यह सभी हैं जो हमारे लिए, प्रत्येक जीव जंतुओ के लिए सभी के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
हमें प्रकृति में पाए जाने बाली प्रत्येक चीज का ध्यान रखना चाहिए उन्हें किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए क्योंकि मानव की सुरक्षा तभी हो सकती है जब प्रकृति की रक्षा हम करेंगे।
प्रकृति की रक्षा महत्वपूर्ण क्यों है- प्रकृति की रक्षा मानव की सुरक्षा के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। आज के समय में हम देखते हैं कि मनुष्य ने अपने निजी फायदे के लिए प्रकृति को काफी नुकसान पहुंचाया है।
प्रकृति में पाई जाने वाली हवा जो हमारे लिए प्राण दायिनी होती है मानव ने उसको प्रदूषित किया है। मानव ने जल प्रदूषित किया है, पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटाई की है जिस वजह से कई सारे जीव जंतु, पशु पक्षी विलुप्त होने की कगार पर हैं या लुप्त हो चुके हैं।
हम सभी को सोचना चाहिए कि प्रकृति रक्षा बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है इसके बिना हमारे जीवन का अस्तित्व ही संभव नहीं है। मानव की सुरक्षा के लिए हमें यह कदम उठाने चाहिए।
दुनिया के कई प्रसिद्ध वैज्ञानिकों ने यह तक कह दिया है कि प्रदूषण की वजह से आने वाले समय में मानव का पृथ्वी पर रहना मुमकिन नहीं होगा।
मानव को अपने निवास के लिए किसी अन्य ग्रह पर जाना पड़ेगा इसलिए हमें प्रकृति की रक्षा करना चाहिए यह हमारे लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
उपसंहार- हमें चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा अपनी रक्षा समझकर करें क्योंकि अपनी खुद की रक्षा तभी हो सकती है जब हम प्रकृति की रक्षा करेंगे। हमें प्रकृति में पाए जाने वाले पेड़ पौधे, जलवायु, प्रत्येक जीव जंतु आदि की रक्षा करनी चाहिए उनको नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
अगर आपको हमारा दिया गया जवाब पसंद आया तो कृपा करके हमें लाइक कीजिए फॉलो कीजिए और कमेंट कीजिए कि आपको हमारा आंसर कैसा लगा अगर आपको अच्छा लगा तो हमें सपोर्ट कीजिए ताकि हम अन्य छात्र-छात्राओं को भी ऐसे ही सवाल का जवाब दिए और हमारा जो ज्ञान है उस सब को बांट सके धन्यवाद आपकी बड़ी मेहरबानी होगी अगर आप हमें ब्रेनलिएस्ट मार्क करेंge
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धरती पर जीवन जीने के लिये भगवान से हमें बहुमूल्य और कीमती उपहार के रुप में प्रकृति मिली है। दैनिक जीवन के लिये उपलब्ध सभी संसाधनों के द्वारा प्रकृति हमारे जीवन को आसान बना देती है। एक माँ की तरह हमारा लालन-पालन, मदद, और ध्यान देने के लिये हमें अपने प्रकृति का धन्यवाद करना चाहिये।
अगर हम सुबह के समय शांति से बगीचे में बैठे तो हम प्रकृति की मीठी आवाज और खूबसूरती का आनन्द ले सकते है। हमारी कुदरत ढ़ेर सारी प्राकृतिक सुंदरता से सुशोभित है जिसका हम किसी भी समय रस ले सकते है। पृथ्वी के पास भौगोलिक सुंदरता है और इसे स्वर्ग या शहरों का बगीचा भी कहा जाता है। लेकिन ये दुख की बात है कि भगवान के द्वारा इंसानों को दिये गये इस सुंदर उपहार में बढ़ती तकनीकी उन्नति और मानव जाति के अज्ञानता की वजह से लगातार ह्रास हो रहा है| प्रकृति हमारी वास्तविक माँ की तरह की होती है जो हमें कभी नुकसान नहीं पहुँचाती बल्कि हमारा पालन-पोषण करती है। सुबह जल्दी प्रकृति के गोद में ठहलने से हम स्वस्थ और मजबूत बनते है साथ ही ये हमें कई सारी घातक बीमारीयों जैसे डायबिटिज, स्थायी हृदय घात, उच्च रक्त चाप, लीवर संबंधी परेशानी, पाचन संबंधी समस्या, संक्रमण, दिमागी समस्याओं आदि से भी दूर रखता है| ये हमारे स्वास्थ्य के लिये अच्छा है कि हम चिड़ियों की मधुर आवाज, मंद हवा की खनखनाहट, ताजी हवा की सनसाहट, बहती नदी की आवाज आदि सुबह - सुबह सुनें। ज्यादातर कवि, लेखक और लोगों को अपने दिमाग, शरीर, और आत्मा को दुबारा से ऊर्जायुक्त बनाने के लिये उद्यानों में योगा और ध्यान करते देखा जा सकता है।