विषय- समाज में बढ़ते हुए अपराधों की ओर ध्यान आकृष्ट करने हेतु संपादक को पत्र।
महोदय,
समाज में दिन प्रतिदिन अपराधों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। जिस कारण समस्त जनवासियों को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मैं गाज़ियाबाद के कौशल नगर का निवासी हूं। साथ ही आपके समाचार पत्र का नियमित पाठक हूं। शहर में व्याप्त इस समस्या की ओर प्रशासन तथा अन्य अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने हेतु आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र में यह समस्या प्रकाशित करना चाहता हूं।
मान्यवर, मेरे इलाके सहित शहर के अन्य कई इलाकों में कानून व्यवस्था की हालत खराब होती चली जा रही है। कई दिनों से इन इलाकों में असामाजिक तत्वों ने अपना प्रकोप फैला रखा है। रात के समय में घरों में चोरी होने के साथ ही अब दिन दहाड़े सड़कों पर निकलने वाले लोगों के पर्स चोरी होना, महिलाओं के आभूषण छीनना, अभद्र व्यवहार करना, जान से मारने की धमकियां देना इत्यादि घटनाएं सामने आ रही है। इन सभी घटनाओं के कारण आम जनता बेहद चिंता में आ चुकी है। प्रशासन की ओर भी कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। आखिर, कानून व्यवस्था के होते हुए भी समाज की यह समस्या का निदान अब तक क्यों नहीं हो पा रहा है?
प्रशासनिक अधिकारियों को जल्दी ही इन घटनाओं के प्रति सख्त कार्यवाही के निर्देश जारी करने चाहिए। ताकि समाज में व्याप्त इन उपद्रवियों की प्रतिक्रियाओं पर रोक लग सके। अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप इस समस्या को अपने समाचार पत्र में उचित स्थान पर प्रकाशित करने की कृपा करें। यह निर्णय समाजिक हित में होगा।
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hope helpful to you pls make brain list.
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सेवा में,
संपादक महोदय,
मुख्य कार्यालय,
दिनांक-....
क. ख. ग शहर
विषय- समाज में बढ़ते हुए अपराधों की ओर ध्यान आकृष्ट करने हेतु संपादक को पत्र।
महोदय,
समाज में दिन प्रतिदिन अपराधों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। जिस कारण समस्त जनवासियों को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मैं गाज़ियाबाद के कौशल नगर का निवासी हूं। साथ ही आपके समाचार पत्र का नियमित पाठक हूं। शहर में व्याप्त इस समस्या की ओर प्रशासन तथा अन्य अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने हेतु आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र में यह समस्या प्रकाशित करना चाहता हूं।
मान्यवर, मेरे इलाके सहित शहर के अन्य कई इलाकों में कानून व्यवस्था की हालत खराब होती चली जा रही है। कई दिनों से इन इलाकों में असामाजिक तत्वों ने अपना प्रकोप फैला रखा है। रात के समय में घरों में चोरी होने के साथ ही अब दिन दहाड़े सड़कों पर निकलने वाले लोगों के पर्स चोरी होना, महिलाओं के आभूषण छीनना, अभद्र व्यवहार करना, जान से मारने की धमकियां देना इत्यादि घटनाएं सामने आ रही है। इन सभी घटनाओं के कारण आम जनता बेहद चिंता में आ चुकी है। प्रशासन की ओर भी कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। आखिर, कानून व्यवस्था के होते हुए भी समाज की यह समस्या का निदान अब तक क्यों नहीं हो पा रहा है?
प्रशासनिक अधिकारियों को जल्दी ही इन घटनाओं के प्रति सख्त कार्यवाही के निर्देश जारी करने चाहिए। ताकि समाज में व्याप्त इन उपद्रवियों की प्रतिक्रियाओं पर रोक लग सके। अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप इस समस्या को अपने समाचार पत्र में उचित स्थान पर प्रकाशित करने की कृपा करें। यह निर्णय समाजिक हित में होगा।
सधन्यवाद।
भवदीय,
क. ख. ग