गंतोक रात के समय भी खुबसूरत लगता है। यदि किसी ऊँचे स्थान से गंतोक शहर को देखें तो ऐसा लगता है मानो आसमान उलया पड़ा हो और तारे बिखरकर टिमटिमा रहे हों। किसी ढलान पर रोशनियाँ सितारों के गुच्छों-सी और सड़क के किनारे की रोशनियाँ सितारों की झालर-सी लगती हैं। गंतोक का यह रात्रिकालीन सौंदर्य देखने वाले पर सम्मोहक प्रभाव छोड़ता है।
6 ऋतुओं में से वसंत को ऋतुओं का राजा अर्थात सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया है। जो फरवरी, मार्च माह में अपना सौंदर्य बिखेरती है। ऐसा माना गया है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी से
वसंत ऋतु का आरंभ होता है। फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। फाल्गुन वर्ष का अंतिम मास है और चैत्र पहला। इस प्रकार हिंदू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारंभ वसंत में ही होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है। मौसम सुहावना हो जाता है। पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। आम बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसे ऋतुराज कहा गया है।
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गंतोक रात के समय भी खुबसूरत लगता है। यदि किसी ऊँचे स्थान से गंतोक शहर को देखें तो ऐसा लगता है मानो आसमान उलया पड़ा हो और तारे बिखरकर टिमटिमा रहे हों। किसी ढलान पर रोशनियाँ सितारों के गुच्छों-सी और सड़क के किनारे की रोशनियाँ सितारों की झालर-सी लगती हैं। गंतोक का यह रात्रिकालीन सौंदर्य देखने वाले पर सम्मोहक प्रभाव छोड़ता है।
6 ऋतुओं में से वसंत को ऋतुओं का राजा अर्थात सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया है। जो फरवरी, मार्च माह में अपना सौंदर्य बिखेरती है। ऐसा माना गया है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी से
वसंत ऋतु का आरंभ होता है। फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। फाल्गुन वर्ष का अंतिम मास है और चैत्र पहला। इस प्रकार हिंदू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारंभ वसंत में ही होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है। मौसम सुहावना हो जाता है। पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। आम बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसे ऋतुराज कहा गया है।