Answer:
विश्वशांति से धरती को स्वर्ग बना सकते हैं।
आपस में प्रेम, श्रद्धा और प्यार आदि भावों को जगाकर धरती को स्वर्ग बना सकते हैं ।
दिल में ऊँच – नीच के भेदभावों को दूर करके धरती को स्वर्ग बना सकेंगे।
वैर भाव, ईर्ष्या, द्वेष आदि के बिना आपस में सहयोग के साथ रहकर धरती को स्वर्ग बना सकेंगे।
विश्व बंधुत्व भावना से रहकर धरती को स्वर्ग बना सकेंगे।
सत्य, अहिंसा, त्याग, समर्पण आदि सर्वोन्मत अंशों को प्रधानता देकर धरती को स्वर्ग बना सकेंगे ।
मनुष्यों में निराशा को दूर भगाकर आशा दीप जलाकर धरती को स्वर्ग बना सकेंगे
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विश्वशांति से धरती को स्वर्ग बना सकते हैं।
आपस में प्रेम, श्रद्धा और प्यार आदि भावों को जगाकर धरती को स्वर्ग बना सकते हैं ।
दिल में ऊँच – नीच के भेदभावों को दूर करके धरती को स्वर्ग बना सकेंगे।
वैर भाव, ईर्ष्या, द्वेष आदि के बिना आपस में सहयोग के साथ रहकर धरती को स्वर्ग बना सकेंगे।
विश्व बंधुत्व भावना से रहकर धरती को स्वर्ग बना सकेंगे।
सत्य, अहिंसा, त्याग, समर्पण आदि सर्वोन्मत अंशों को प्रधानता देकर धरती को स्वर्ग बना सकेंगे ।
मनुष्यों में निराशा को दूर भगाकर आशा दीप जलाकर धरती को स्वर्ग बना सकेंगे