1. अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- सोनजुही में लगी एक पीली कली को देखकर अनायास ही उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिपकर बैठा था और मेरे निकट पहुँचते ही कँधे पर कूदकर मुझे चौंका देता था। तब मुझे कली की खोज रहती थी, पर आज उस लघु प्राणी की खोज है, परंतु वह तो इस सोनजुही की जड़ में मिट्टी में मिल गया है। एक दिन मैंने सवेरे देखा- दो कौए एक गमले के चारों ओर अपनी चोंचों से छुआ-छुऔवल जैसा खेल खेल रहे हैं। निकट जाकर देखा, गिलहरी का छोटा-सा बच्चा है. जिसमें कौए अपना सुलभ आहार खोज रहे हैं। वह निश्चेष्ट-सा गमले से चिपटा पड़ा था। मैंने उसे हौले से उठाकर रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। हम उसे 'गिल्लू' बुलाने लगे। (क) सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका को किसकी याद आई? (ख) लेखिका ने एक दिन सवेरे क्या देखा? (ग) लेखिका ने गिल्लू को किस स्थिति में देखा? (घ) लेखिका ने गिल्लू का उपचार कैसे किया?
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(क) सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका को उस छोटे जीव की याद आई, जो उस लता की सघन हरीतिमा में छिपकर बैठा था और लेखिका के निकट पहुँचते ही कँधे पर कूदकर उसे चौंका देता था।
(ख) लेखिका ने एक दिन सवेरे देखा कि दो कौए एक गमले के चारों ओर अपनी चोंचों से छुआ-छुऔवल जैसा खेल खेल रहे हैं।
(ग) लेखिका ने गिल्लू को निश्चेष्ट-सा गमले से चिपटा पड़ा देखा।
(घ) लेखिका ने गिल्लू को हौले से उठाकर रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया।
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