शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत दी जाती है और ... दुखी होने का भी एक अधिकार होता है।
हाँ, यह सही है कि शोक करने और दुखी होने का हमारा अधिकार होता है। जिंदगी में हम सभी कुछ जीते हैं और कुछ हारते भी हैं। इसलिए, किसी भी दुखी या दुखद घटना के बाद हमें उसे स्वीकार करना चाहिए और उसमें से गुजरना चाहिए।
जिस तरह से खुशी और सुख के लम्हों का आनंद हम सभी लेते हैं, ठीक उसी तरह से दुख के लम्हों में गुजरते हुए भी हमें उनका आनंद लेना चाहिए। शोक करना और दुखी होना हमें अपनी भावनाओं को समझने और स्वीकार करने में मदद करता है और हमें अपने आप को अधिक संतुलित बनाने में मदद करता है। इसलिए, हमें इन अनुभवों को ठीक से संभालना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए।
शोक और दुख के बाद, हमें अपनी शक्तियों को फिर से जुटाने की जरूरत होती है। हमें उस दुख के समय अपनी ताकतों का सही इस्तेमाल करना चाहिए जो हमें उस स्थिति से बाहर निकाल सकती है। इसलिए, हमें शोक और दुख के समय अपने आप को एक सकारात्मक ढंग से संभालना चाहिए।
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शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत दी जाती है और ... दुखी होने का भी एक अधिकार होता है।
हाँ, यह सही है कि शोक करने और दुखी होने का हमारा अधिकार होता है। जिंदगी में हम सभी कुछ जीते हैं और कुछ हारते भी हैं। इसलिए, किसी भी दुखी या दुखद घटना के बाद हमें उसे स्वीकार करना चाहिए और उसमें से गुजरना चाहिए।
जिस तरह से खुशी और सुख के लम्हों का आनंद हम सभी लेते हैं, ठीक उसी तरह से दुख के लम्हों में गुजरते हुए भी हमें उनका आनंद लेना चाहिए। शोक करना और दुखी होना हमें अपनी भावनाओं को समझने और स्वीकार करने में मदद करता है और हमें अपने आप को अधिक संतुलित बनाने में मदद करता है। इसलिए, हमें इन अनुभवों को ठीक से संभालना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए।
शोक और दुख के बाद, हमें अपनी शक्तियों को फिर से जुटाने की जरूरत होती है। हमें उस दुख के समय अपनी ताकतों का सही इस्तेमाल करना चाहिए जो हमें उस स्थिति से बाहर निकाल सकती है। इसलिए, हमें शोक और दुख के समय अपने आप को एक सकारात्मक ढंग से संभालना चाहिए।
Hope it is right....
--ráhúl