उपुर्यक्त उदाहरण में ‘हिम’ ‘के’ ‘म’ ‘में’ ‘अ’ तथा आलय के शुरू में ‘आ’ स्वर है। इस प्रकार ‘अ+आ’ के मेल से एक नई ध्वनि ‘आ’ बनने से शब्द बना = हिमालय। वर्णों के ऐसे मेल को संधि कहते हैं।
संधि विच्छेद
संधि संधि विच्छेद
योगाभ्यास योग+अभ्यास
अतः विच्छेद का अर्थ है अलग करना। संधि के नियमों द्वारा मिले हुए वर्णों को पुनः पूर्व अवस्था में ले जाने को संधि विच्छेद कहते हैं।
संधि के भेद
(1) विद्या+आलय = विद्यालय
आ+आ = आ
उपर्युक्त उदाहरण में विद्या’ में अंत में ‘आ’ स्वर है तथा पर अर्थात् बाद के शब्द आलय के शुरू में ‘आ’ स्वर है। इन दोनों स्वरों में (आ+आ) के मेल से ‘आ’ होने पर शब्द बना-विद्यालय।
अतः स्वर के बाद स्वर के मेल से जो परिवर्तन आता है, उसे स्वर संधि कहते हैं।
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प्रण = प्रतिज्ञा, वचन
पथ = रास्ता, मार्ग
संकट = मुसीबत
अचल = अडिग, स्थिर
जग = संसार
hmm
पथ = रास्ता, मार्ग
हिम+आलय = हिमालय
अचल = अडिग, स्थिर
हिम +आलय = हिमालय
अ+आ = आ
उपुर्यक्त उदाहरण में ‘हिम’ ‘के’ ‘म’ ‘में’ ‘अ’ तथा आलय के शुरू में ‘आ’ स्वर है। इस प्रकार ‘अ+आ’ के मेल से एक नई ध्वनि ‘आ’ बनने से शब्द बना = हिमालय। वर्णों के ऐसे मेल को संधि कहते हैं।
संधि विच्छेद
संधि संधि विच्छेद
योगाभ्यास योग+अभ्यास
अतः विच्छेद का अर्थ है अलग करना। संधि के नियमों द्वारा मिले हुए वर्णों को पुनः पूर्व अवस्था में ले जाने को संधि विच्छेद कहते हैं।
संधि के भेद
(1) विद्या+आलय = विद्यालय
आ+आ = आ
उपर्युक्त उदाहरण में विद्या’ में अंत में ‘आ’ स्वर है तथा पर अर्थात् बाद के शब्द आलय के शुरू में ‘आ’ स्वर है। इन दोनों स्वरों में (आ+आ) के मेल से ‘आ’ होने पर शब्द बना-विद्यालय।
अतः स्वर के बाद स्वर के मेल से जो परिवर्तन आता है, उसे स्वर संधि कहते हैं।