1 एक जंगल बहुत जानवर - प्रतिदिन एक जानवर शेर के पास भेजने का नियम 1.1 का नियम -- शेर के पास देर से की बारी पहुँचा का क्रोध करना बहाना करना रास्ते में साथ ले कुएँ में अपनी परछाई देखना समझनाका मे में 23 कहानी लेखन नं रोगा - शेर को - दूसरा 'शेर मिलने उसे कूदना या का बचना
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**कहानी: शेर का बचना**
एक जंगल में एक बहुत ही अनोखा नियम था। प्रतिदिन एक जानवर को शेर के पास भेजने का नियम 1.1 था। इस नियम के अनुसार, जो भी जानवर देर से शेर के पास पहुँचता, उस पर शेर को खूबसूरत साज़िश करने का हक होता था।
एक दिन जंगल का शेर, बाघ, इस नियम को अपनाने का संकल्प करता है। वह नियम 1.1 के अनुसार जानवरों का स्वागत करने का इंतजार करता है।
एक दिन, हाथी देर से पहुँचा शेर के पास। शेर ने उसको देखते ही कहा, "आगे क्यों नहीं बढ़ा? तुम्हें नियम 1.1 का पालन करना चाहिए था।"
हाथी ने कहा, "मुझे माफ करें, शेर। मैं देर से पहुँचा क्योंकि मैंने रास्ते में एक खूबसूरत फूल देखा और मैंने सोचा कि एक बार मुझे इसका स्वाद लेना चाहिए।"
शेर ने मुस्कराया और कहा, "तुम गलत नहीं थे, हाथी। तुम्हारा क्रोध करने का कोई कारण नहीं है।"
इसके बाद, हर जानवर ने शेर के साथ बिताए गए समय में नए दोस्त बनाने का मौका प्राप्त किया और शेर का दिल भी बड़ा हुआ।
इसका सिख: कभी-कभी हमें दूसरों की परिस्थितियों को समझने की आवश्यकता है और उन्हें सुनने का समय देना चाहिए।
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एक जंगल में एक शेर रहता था वह रोज पशुओं का शिकार था एक दिन पशुओं ने प्रार्थना की की महाराज आप हम पशुओं का शिकार ना करें हम बारी-बारी से एक जानवर रोज आपके पास आ जाया करेंगे पशुओं के इस फैसले से सिंह राजी हो गया प्रतिदिन एक जानवर उसके पास जाता था एक दिन बारी आई खरगोश की उसने सोचा कि मरना तो है तो थोड़ी देर से ही चलूं रास्ते में चलते चलते खरगोश को एक तरकीब सूची एक कुएं के पास गया और उसके अंदर झांक कर देखा देखा तो उसने पाया कि उसे अपनी ही छाया दिखाई दी यह देखकर खरगोश को एक विचार आया शेर के पास खरगोश बहुत देर तक नहीं पहुंचा दो शेर भूख के मारे तड़प रहा था और बहुत नाराज हो रहा था जैसे ही खरगोश दिखाई दिया शेर ने गुस्से में आकर उससे कहा कि तुम इतनी देर से क्यों आए तुम्हें नहीं पता कि मुझे कितनी भूख लगी है खरगोश ने कहा मुझे माफ कीजिए महाराज मैं तो जल्दी ही आ रहा था पर रास्ते में मुझे एक और सिंह ने रोक लिया वह चाहता था कि मैं उसका भोजन मैं बड़ी मुश्किल से उससे अपनी जान छुड़ा कर आया हूं शेर को यह बात सुनकर और गुस्सा आया उसने कहा मेरे रहते इस जंगल में एक और शेर कैसे आ सकता है तुम चलो और मुझे बताओ मैं उसे मार डालूंगा शेर को उसी कुएं के पास ले गया जैसे शेर ने कुएं में झांका और जोर से दहाड़ा उसे अपना ही प्रतिबिंब दिखाई दिया और अपनी ही प्रतिध्वनि सुनाई दी हड़बड़ाहट में शेर उस दूसरे शेर को मारने के लिए कुएं में कूद गया शेर कुएं में ही रह गया और मर गया इस तरह खरगोश ने अपना दिमाग लगाकर अपनी नहीं बाकी जंगल के सभी जानवरों की जान बचाई उचित शीर्षक है अपनी सूझबूझ