एक शेर जंगल में किसी संकरी जगह से गुज़र रहा था. उसने सामने से एक हाथी को अपनी ओर आते देखा तो गरज कर कहा, “मेरे रास्ते से हट जाओ”.
“मैं? मैं हट जाऊं?”, हाथी ने जवाब दिया, “मैं तुमसे बहुत बड़ा हूं और कायदे से मुझे यहां से पहले निकलना चाहिए. मेरी बजाए तुम्हारे लिए किनारे लगना ज्यादा आसान है”.
“लेकिन मैं इस जंगल का राजा हूं और तुम्हें अपने राजा को आता देख उसके लिए रास्ता छोड़ देना चाहिए”, शेर ने गुस्से से कहा, “मैं तुम्हें रास्ते से हटने का हुक्म देता हूं”.
यह सुनकर हाथी ने अपनी सूंड से शेर को उठा लिया और उसे जमीन पर कई बार पटका. फिर उसने शेर को एक पेड़ के तने पर दे मारा और उसे सर के बल गिरा दिया.
शेर किनारे पर पड़ा कराहता रहा और हाथी उसके बगल से अपने रास्ते चला गया. शेर जैसे-तैसे कुछ ताकत सहेजकर खड़ा और चिल्लाकर बोला, “इसमें इतना नाराज़ होने की कौन सी बात थी”!
Answers & Comments
Answer:
एक शेर जंगल में किसी संकरी जगह से गुज़र रहा था. उसने सामने से एक हाथी को अपनी ओर आते देखा तो गरज कर कहा, “मेरे रास्ते से हट जाओ”.
“मैं? मैं हट जाऊं?”, हाथी ने जवाब दिया, “मैं तुमसे बहुत बड़ा हूं और कायदे से मुझे यहां से पहले निकलना चाहिए. मेरी बजाए तुम्हारे लिए किनारे लगना ज्यादा आसान है”.
“लेकिन मैं इस जंगल का राजा हूं और तुम्हें अपने राजा को आता देख उसके लिए रास्ता छोड़ देना चाहिए”, शेर ने गुस्से से कहा, “मैं तुम्हें रास्ते से हटने का हुक्म देता हूं”.
यह सुनकर हाथी ने अपनी सूंड से शेर को उठा लिया और उसे जमीन पर कई बार पटका. फिर उसने शेर को एक पेड़ के तने पर दे मारा और उसे सर के बल गिरा दिया.
शेर किनारे पर पड़ा कराहता रहा और हाथी उसके बगल से अपने रास्ते चला गया. शेर जैसे-तैसे कुछ ताकत सहेजकर खड़ा और चिल्लाकर बोला, “इसमें इतना नाराज़ होने की कौन सी बात थी”!
Explanation:
pls mark me brainliest