इतिहास के मान्यताओं के अनुसार कबीर एक महान संत थे जो कि धर्म प्रचार में माहिर थे वह सारे भगवानों को एक मानते थे और ऊंच-नीच में भेद नहीं देखते थे। आज भी उनकी छोटी-छोटी पंक्तियां जो कि कबीर दोहे के नाम से जाना जाता है पढ़ा जाता है। जोकि आजकल के बच्चों के लिए बहुत लाभदायक है। कबीर दोहे से हमारा ज्ञान बढ़ता है और हम दुनिया को और अच्छी तरह से जानने लगते हैं। कबीर के दोहे का एक लाइन है जो करे सो आज कर आज करे सो अब पल में प्रलय आएगी बहुरि करोगे कब। यह लाइन भी आजकल संसार में व्यथित हो गया है यानी फेमस हो गया है जिस कारण से लोगों को अपने कर्तव्य का महत्व याद आता है कि उन्हें जो कल करना है उसे आज कम करना है और जो आज करना है उसे अभी खत्म करना है क्योंकि अगर हम कल बोलकर आज उसको ना करें अगर कल ही प्रलय आएगी या फिर कोई भी असुविधा आएगी तो हम कैसे उस काम को खत्म कर पाएंगे।
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इतिहास के मान्यताओं के अनुसार कबीर एक महान संत थे जो कि धर्म प्रचार में माहिर थे वह सारे भगवानों को एक मानते थे और ऊंच-नीच में भेद नहीं देखते थे। आज भी उनकी छोटी-छोटी पंक्तियां जो कि कबीर दोहे के नाम से जाना जाता है पढ़ा जाता है। जोकि आजकल के बच्चों के लिए बहुत लाभदायक है। कबीर दोहे से हमारा ज्ञान बढ़ता है और हम दुनिया को और अच्छी तरह से जानने लगते हैं। कबीर के दोहे का एक लाइन है जो करे सो आज कर आज करे सो अब पल में प्रलय आएगी बहुरि करोगे कब। यह लाइन भी आजकल संसार में व्यथित हो गया है यानी फेमस हो गया है जिस कारण से लोगों को अपने कर्तव्य का महत्व याद आता है कि उन्हें जो कल करना है उसे आज कम करना है और जो आज करना है उसे अभी खत्म करना है क्योंकि अगर हम कल बोलकर आज उसको ना करें अगर कल ही प्रलय आएगी या फिर कोई भी असुविधा आएगी तो हम कैसे उस काम को खत्म कर पाएंगे।