जी. सुन्दर रेड्डी के अनेक निबन्ध हिन्दी, अंग्रेजी एवं तेलगू पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। इन्होंने दक्षिण भारतीयों के लिए हिन्दी और उत्तर भारतीयों के लिए दक्षिणी भाषाओं के अध्ययन की प्रेरणा दी। इन्होंने हिन्दी भाषियों के लिए तमिल, तेलगू, कन्नड़ और मलयालम साहित्य की रचना की है।29-Ju
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जी. सुन्दर रेड्डी के अनेक निबन्ध हिन्दी, अंग्रेजी एवं तेलगू पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। इन्होंने दक्षिण भारतीयों के लिए हिन्दी और उत्तर भारतीयों के लिए दक्षिणी भाषाओं के अध्ययन की प्रेरणा दी। इन्होंने हिन्दी भाषियों के लिए तमिल, तेलगू, कन्नड़ और मलयालम साहित्य की रचना की है।29-Ju